मोहर्रम के ताजिए, न गणपति विसर्जन पर जुलूस: यूपी में 30 सितंबर तक सब बैन
यूपी के गृह विभाग की ओर से जारी 23 अगस्त के इस आदेश में ये भी कहा गया है कि सार्वजनिक रूप से मूर्तियां स्थापित नहीं की जाएंगी, न ही ताजिया निकाले जाएंगे। गणेश उत्सव और मुहर्रम के मद्देनजर सरकार का ये बड़ा फैसला है।
इसी पर सीएम योगी ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि कोरोनावायरस के मद्देनजर धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सांस्कृतिक रूप से अनुमति नहीं है और इसका पालन होना चाहिए।
नियम तोड़ने पर सख्त हो जाओ
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा कि अगर कोई भी नियमों का उल्लंघन करते पाया गया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। साथ ही सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखने और अफवाहों को लेकर सजग रहने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए।
ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा, लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने के साथ 5 लोगों को ही मुहर्रम का जुलुस निकालने की इजाजत दी जाए। कोर्ट ने मंगलवार को ये याचिका खारिज कर दी। हालांकि, इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
लखनऊ में ऑनलाइन जलसे
गाइडलाइंस को देखते हुए लखनऊ में धर्मगुरुओं ने फैसला किया है कि इस बार मुहर्रम के जलसे ऑनलाइन आयोजित होंगे। सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने हाल ही में कहा था कि को विभाजित -19 की वजह से पूरे देश में इनामी और नमाज घरों में ही अदा की गई है और यह बीमारी काफी तेजी से फैल रही है, लिहाजा इसको ध्यान में रखते हुए इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने यह फैसला लिया है कि लखनऊ में पहले मुहर्रम से 10 मुहर्रम तक होने वाले 10 दिवसीय जलसे ऑनलाइन आयोजित किए जाएंगे। बता दें कि 21 अगस्त से मुहर्रम के जलसे शुरू हो गए हैं, जो 10 दिन तक चलते हैं।
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