कोरोना संकट: 15 लाख स्कूल बंद, 28.6 करोड़ बच्चों की पढ़ाई ठप पड़ी हुई है

हाईलाइट


• कोरोना महामारी के चलते 15 लाख  स्कूल बंद

• 60 लाख  बच्चे पहले से ही स्कूल नहीं जा रहे हैं



भारत में कोरोना महामारी के चलते 15 लाख स्कूल बंद हैं. इसकी वजह से माध्यमिक से लेकर प्राथमिक स्तर तक के करीब 28.6 करोड़ बच्चों की पढ़ाई लिखाई प्रभावित हुई है. इनमें 49 फीसदी लड़कियां शामिल हैं. इनमें उन 60 लाख लड़के-लड़कियों को भी शामिल कर लें जो कोरोना संकट के पहले से ही स्कूल नहीं जा रहे थे.




कोरोना संकट के बीच बच्चों की पढ़ाई लिखाई जारी रहे इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने डिजिटल और गैर-डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से कई कदम उठाए हैं. मसलन दीक्षा पोर्टल (ऑनलाइन), दूरदर्शन और स्वयं प्रभा (टीवी चैनल) जैसे कदम उठाए गए हैं ताकि बच्चों को सीखने के लिए निरंतर सामग्री मिलती रहे.

हालांकि इस संकट की घड़ी में बच्चों को लिखने पढ़ने की सामग्री मुहैया कराने के लिए और प्रयास किए जाने की जरूरत है. डिजिटल व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए रणनीति बनाए जाने की भी जरूरत है. उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि भारत में लगभग एक चौथाई घरों यानी 24 फीसदी परिवारों तक ही इंटरनेट की पहुंच है. इस लिहाज से देखा जाए तो ग्रामीण और शहरी इलाकों में एक बड़ा गैप है.

इसकी वजह से उच्च, मध्यम और निम्न-आय वाले परिवारों में पढ़ने और सीखने की यह खाई और चौड़ी होने की आशंका है, क्योंकि आर्थिक रूप से वंचित परिवारों के बच्चे दूरस्थ शिक्षा हासिल करने में सक्षम नहीं हैं. अधिकर कमजोर समुदाय के छात्रों और लड़कियों के पास स्मार्टफोन नहीं है. अगर किसी तरह उन्होंने स्मार्टफोन का इंतजाम कर भी लिया तो इंटरनेट कनेक्टिविटी उनके लिए आसानी से सुलभ नहीं है. ऐसे में दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चे गुणवत्ता वाली शिक्षा से वंचित रह जाएंगे. एक दूसरी समस्या भाषा को लेकर है. ऑनलाइन क्लास के दौरान क्षेत्रीय भाषा में कम ही सामग्री उपलब्ध है. लिहाजा शिक्षा के स्तर पर असमनता की खाई बढ़ने की आशंका बढ़ गई है.

क्या हैं दुनिया के हालात

कोरोना महामारी के चलते दुनियाभर में कम से कम 46.3 करोड़ बच्चे, जो दूरदराज के इलाकों में रहते हैं, ऑनलाइन पढ़ने में सक्षम नहीं है. यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि दुनियाभर में कोरोना के चलते स्कूल बंद हैं, और इसकी वजह से स्कूली बच्चों में से कम से कम एक तिहाई छात्र दूरस्थ शिक्षा हासिल करने में असक्षम हैं. यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने कहा, "कम से कम 46.3 करोड़ बच्चों के लिए, जिनके स्कूल कोरोना के कारण बंद हो गए, दूरस्थ शिक्षा उनके लिए मुमकिन नहीं हो पा रही है." उन्होंने कहा कि जिन बच्चों की शिक्षा बाधित हुई है उसका असर समाज और अर्थव्यवस्था पर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा.

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